Tuesday, July 20, 2010

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ

दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है

दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए

मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
दोस्ती कर लेनी हीं दोस्ती नहीं होती

9 comments:

  1. लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
    कोई करता है तो इल्जाम देते है।
    कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
    और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है....

    Bahut sundar rachna hai.

    Beautiful imagination.

    Badhai.

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  2. कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
    और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।


    मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
    उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
    =================

    शानदार! बहुत सुन्दर! दिल को छूने वाली रचना!!!

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    -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
    इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३६६ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६

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  3. "दिल से खेलना हमे आता नहीं
    इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए"
    आज के वक्त में दिल से काम लेने का यही अंजाम होता है

    सोच और भावनाओं को शब्द देने का अच्छा और सार्थक प्रयास

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  4. बहुत शानदार और उम्दा अभिव्यक्ति!

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  5. कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
    और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
    वाह वाह्…………्क्या बात कही है………………पूरी रचना ही गज़ब के भाव लिये है………………एक शानदार प्रस्तुति।

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  6. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  7. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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