Wednesday, August 25, 2010

जिंदगी की असली उड़ान

जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मेरे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मी हमने,
अभी तो सारा आसमां बाकी है
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती,
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत, बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है ,
जा जा कर खाली हाथ .. लौट आता है
मिलते ना सहज ही मोती पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है .. स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई ... देखो ... और सुधार करो
जब तक ना सफल हो ... नींद चैन की त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान .. छोड़ न भागो तुम
कुछ किए बिना ही .. जय-जय कार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं

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